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महिला सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति कार्यक्रम

  अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष : हर साल आज के दिन यानी 08 मार्च दुनिया भर में महिलाओं के त्याग , साहस और सम्मान को समर्पित दिन होता है। महिलाएं समाज का एक अहम हिस्सा हैं , लेकिन बदलते वक्त के साथ महिलाएं आज राष्ट्र निर्माण में भी अपना योगदान दे रही हैं। खेल जगत की बात करें , मनोरंजन की या फिर राजनीति के क्षेत्र में , महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रही हैं। प्रत्येक वर्ष 08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है ताकि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके। आइये आज हम चर्चा करते है मिशन शक्ति के बारे में : मिशन शक्ति एकीकृत महिला सशक्तीकरण सुनिश्चित करने हेतु एक मिशन मोड कार्यक्रम है जिसे महिलाओं की रक्षा , सुरक्षा और सशक्तीकरण हेतु अम्ब्रेला योजना के रूप में कार्यान्वयन हेतु 15 वें वित्त आयोग की अवधि वर्ष 2021-22 से 2025-26 के दौरान लॉन्च किया गया । यह योजना संपूर्ण जीवन चक्र में महिलाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर विचार करने और उनके जीवन में बदलाव लाएगी तथा उन्हें नागरिक-स्वामित्व के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण में समान भागीदार ब

एआईसीटीई और बीपीआरडी ने साइबर खतरों से निपटने एवं प्रभावकारी समाधान प्रदान करने के लिए संयुक्त रूप से राष्ट्रीय स्तर के हैकथॉन ‘कवच-2023’का शुभारंभ किया

  भारत की साइबर तैयारियों को आगे बढ़ाते हुए साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने और 21वीं सदी की साइबर अपराध की चुनौतियों से निपटने के उद्देश्‍य से अभिनव विचारों और तकनीकी समाधानों की पहचान करने के लिए आज राष्ट्रीय स्तर के हैकथॉन ‘ कवच-2023 ’ का शुभारंभ किया गया।   https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image 0012 W 95. jpg अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष डॉ. टी. जी. सीताराम ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कवच-2023 राष्ट्रीय स्‍तर का एक अनूठा हैकथॉन है , जिसे शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ , एआईसीटीई , पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी , गृह मंत्रालय) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी , गृह मंत्रालय) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है और जिसका उद्देश्‍य साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने और 21वीं सदी की साइबर अपराध की उन चुनौतियों से निपटने के लिए अभिनव विचारों और तकनीकी समाधानों की पहचान करना है जिनका सामना हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों और आम नागरिकों को करना पड़ रहा है।   इस अवसर पर श्री बालाजी श्रीवास्तव , आईपीएस

महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और संस्थागत उपचार

  वन स्टॉप सेंटर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए 01 अप्रैल, 2015 से वन स्टॉप सेंटर/ ओएससी/साक्षी केंद्र स्थापित करने की स्कीम क्रियान्वित कर रहा है। स्कीम का उद्देश्य हिंसा से प्रभावित महिलाओं को समेकित सेवाएं सुलभ कराना है, जिनमें निम्न सेवाएं शामिल हैं। 1. चिकित्सा सहायता,  2. पुलिस सहायता,  3. कानूनी सहायता / मामला प्रबंधन, 4. मनो-सामाजिकं परामर्श,  5. अस्थायी सहायता  घरेलु हिंसा अधिनियम में वर्णित “व्यथित व्यक्ति” से अभिप्राय कोई ऐसी महिला है जो प्रत्यर्थी की घरेलू नातेदारी में है या रही है और जिसका अभिकथन है कि वह प्रत्यर्थी द्वारा किसी घरेलू हिंसा का शिकार रही है  "प्रत्यर्थी” से कोई वयस्क पुरुष अभिप्रेत है जो व्यथित व्यक्ति (महिला) की घरेलू नातेदारी में है या रहा है और जिसके विरुद्ध व्यथित व्यक्ति (महिला) ने, इस अधिनियम के अधीन कोई अनुतोष चाहा है: सवाल : क्या व्यथित महिला के अलावा भी अन्य घर का सदस्य शिकायत दर्ज करा सकता है? जवाब : हाँ !  कोई व्यथित पत्नी या विवाह की प्रकृति की किसी नातेदारी में रहने वाली कोई महिला भी पति या पुरुष भागीदार क